Best Collection Of Moral Story For Kids –चालाक लोमड़ी (The clever Fox moral story in hindi) : एक बहुत बड़ा जंगल था । जंगल में कई प्राणी रहते थे। इसी तरह इस जंगल में एक शेर और एक लोमड़ी भी रहते थे। जंगल का राजा तो शेर ही होता है पर यह शेर बहुत ही आलसी था और जो लोमड़ी थी वह चालक थी। शेर की आलस का बहुत ही फायदा उठाती थी।
आलसी शेर: (the lazy lion)

कई बार चालाक लोमड़ी को शेर की आलस से बहुत फायदा होता था। एक दिन की बात है लोमड़ी ने शेर से कहा ,”महाराज आप तो इस जंगल के राजा है, और आपको शिकार करने जाने की क्या जरूरत है? आप मुझे अपना मंत्री बना दो बाद मैं सभी प्राणियों को आपकी गुफा तक लाता हूं, ऐसी ही अच्छी एक योजना बनाऊंगा।”
शेर को तो लोमड़ी की सलाह अच्छी लगी और उसने तो लोमड़ी को मंत्री भी बना दिया। एक दिन शेर को बहुत भूख लगी तो लोमड़ी ने शिकार लाने का वादा कर दिया क्योंकि शेर ने कहा कि तुम मेरे मंत्री हो जाओ। मेरे लिए अच्छा सा शिकार लाओ।
लोमड़ी का शिकार:
लोमड़ी तो बहुत चालाक थी। लोमड़ी आगे शिकार खोजने निकल पड़ी ।रास्ते में घास का बहुत बड़ा एक मैदान था। इस घास के मैदान में गधा खास खा रहा था।
लोमड़ी तो जल्दी-जल्दी गधे के पास जाती है और बोलती है,” तुम्हारे लिए मेरे पास एक बहुत बड़ा समाचार है, राजा जी तुम्हें अपना मंत्री बनने वाले हैं।”
राजा जी मतलब तो शेर तुमसे मिलना चाहते हैं मेरे साथ चलो गधा तो एकदम भोला भाला था और लोमड़ी की बातों में आ गया। लोमड़ी के साथ गधा तो शेर की गुफा तक पहुंच गया ।गधा जैसे ही गुफा के पास पहुंचा भूखे शेर ने उसे पर झट से टुट पडा।गधे को बचने का मौका तो था नहीं। फिर भी कैसे-कैसे करके गधा वहां से भाग गया।
अब शेर को बहुत गुस्सा आया। मगर चालाक लोमड़ी ने शेर का गुस्सा शांत कर दिया और फिर गधे के पास गया। लोमड़ी गधे के पास जाकर, इस बार गधे को कहता है,”तू तो बहुत डरपोक है, शेर तो तुम्हारी बहादुरी की परीक्षा ले रहे थे।
मगर वह परीक्षा में तो तुम नापास हो गए। क्योंकि तुम तो डर कर भाग गए।
मेरे साथ फिर चलो ।सब साथ में मिलकर बात करते हैं।” इस बार तुम कायर की तरह भाग मत जाना ।
बेचारा गधा:
बेचारा गधा फिर से लोमड़ी की बात सच मान लेता है, और लोमड़ी पर विश्वास रखकर फिर उसके साथ चला गया ।गधा जैसे ही फिर गुफा में दाखिल हुआ शेर ने तुरंत ही उस पर पंजा मारा और गधे को मार डाला।
तब लोमड़ी ने शेर को कहा,” महाराज आपके हाथ गधे के खून से रंगे हुए हैं ,आप हाथ को पानी से साफ करो।
शेर की बेवकूफी:
शेर ने तो चालाक लोमड़ी की बात मान ली और तालाब पर हाथ धोने के लिए चला गया।शेर वापस आया तो शेर ने कहा कि ,”कोई आया था ?”चालाक लोमड़ी ने कहा ,”मुझे तो नहीं पता कोई नहीं आया।”
बाद मे शेर ने कहा,” तो गधे का भेजो कहां है मैं तो उसको पूरा मार कर गया था गधे का भेजा तो नहीं दिख रहा?”
चालाक लोमड़ी ने बहुत ही चालाकी से जवाब दिया,”महाराज गधे का तो भेजा ही नहीं होता इसीलिए तो वह मेरी बात मानकर दोबारा यहां चला आया।” शेर में इतनी आलस भरी थी कि बिना सोचे समझे लोमड़ी की बात मान लेता है।
कहानी की सीख:
आलस मनुष्य की सबसे बड़ी दुश्मन है क्योंकि आलस से हमारा कोई भी कार्य नही हो सकता। और हम हमारे जिंदगी में आगे नहीं बढ़ सकते। हमारा कोई भी काम करने से पहले उसमें हमें हिम्मत रखनी चाहिए। आलस से कोई भी कार्य नहीं हो सकता।
एक बात है कि ,”आलस हमारी हो तो उसका फायदा किसी दूसरे को ही होता है हमारी आलस का फायदा हमें कभी नहीं होता “अगर हम आलस करेंगे तो कभी हम अपनी मंजिल पर नहीं पहुंच सकते।
हमें जो पाना है जो हमारा उद्देश्य है उसको पाने के लिए हमें मेहनत तो करनी ही पड़ेगी और यह मेहनत जी- जान से करेंगे तो कोई भी लक्ष्य हो उसे पर हम जल्दी ही पहुंच पाएंगे।
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