शेखीबाज मक्खी | very short story moral in hindi

very short story moral : एक जंगल था जंगल में एक शेर भोजन करके आराम कर रहा था इतने में एक मक्खी उड़ती उड़ती वहां आ गई शेर ने 2 से 3 दिनों से नहाया नहीं था इसलिए मक्खी शेर के कान के पास जाकर भिन्न-भिन्न करने लगी . शेर को बहुत मुश्किल से नींद आई थी. उसने पंजा उठाया मक्खी उड़ गई. लेकिन फिर से शेर के कान के पास भिन्न भिन्न शुरू हो गई अब शेर को गुस्सा आ गया.

शेखीबाज मक्खी  very short story moral in hindi

वह दहाड़ा – अरे मक्खी दूर हट वरना तुझे अभी जान से मार डालूंगा . मक्खी ने धीरे से कहा है छी – छी जंगल के राजा के मुंह से ऐसी भाषा कहीं धोखा देती है शेर का गुस्सा बढ़ गया उसने कहा एक तो मुझे सोने नहीं देती ऊपर से मेरे सामने जवाब देती है चुप हो जा वरना अभी मार डालूंगा.

मक्खी बोली – वरना क्या कर लोगे मैं क्या तुम से डर जाऊंगी ? मैं तो तुमसे भी लड़ सकती हूं हिम्मत हो तो आ जाओ.

मक्खी और लोमड़ी | very short story moral | hindi very short story

शेर आग बबूला हो गया उसने कान के पास पंजा मारा मक्खी तो उड़ गई पर काम जरा छील गया । मक्खी उड़कर फिर की नाक पर बैठी तो उसने मक्खी को फिर पंजा मारा । मक्खी उड़ गई अबकी बार शेर की नाक छिल गई .

मक्खी कभी शेर के माथे पर बैठती तो कभी गाल पर , तो कभी गर्दन पर, शेर पंजा मारता जाता और खुद को घायल करता जाता मक्खी तो जल्दी से उड़ जाती थी।

अंत में शेर उठ गया और काफी थक गया । वह बोला – मक्खी बहन अब मुझे छोड़ो मैं हारा और तुम जीत गई ।

मक्खी घमंड में चूर होकर उड़ती उड़ती आगे बढ़ गई । सामने एक हाथी मिल गया । मक्खी ने कहा अरे हाथी मुझे परिणाम कर दे मैंने जंगल के राजा शेर को हराया है, इसलिए जंगल में अब मेरा राज चलेगा । हाथी ने सोचा इस पागल मक्खी से बात करने में कौन समय बर्बाद करें।

हाथी ने सूँड ऊपर उठाकर मक्खी को प्रणाम किया और आगे बढ़ गया। सामने से लोमड़ी ने यह सब देखा लोमड़ी मंद मंद मुस्कुराने लगी । इतने में मक्खी ने लोमड़ी से कहा – अरे वह लोमड़ी चल मुझे प्रणाम कर दे । मैंने जंगल के राजा शेर और विशालकाय हाथी को भी हरा दिया है।

लोमड़ी ने उसे प्रणाम किया और फिर धीरे से बोली धन्य हो मक्खी रानी। धन्य हो धन्य है आपका जीवन और धन्य है, आपके माता-पिता , लेकिन मक्खी रानी उधर वह मकड़ी दिखाई दे रही है वह आपको गाली दे रही थी उसकी जरा खबर लो ना

यह सुनकर मक्खी गुस्से से लाल हो गई ।

मक्खी बोली- उस मकड़ी को तो मैं चुटकी बजाते खत्म कर दूंगी । यह कहते हुए मक्खी मकड़ी की तरफ झपटा मारी और मकड़ी के जाले में फस गई । मक्खी जाले से छूटने की कोशिश करती गई । और जैसे-जैसे कोशिश करती जाती और भी अधिक फँसती गई। अंत में वह थक गई और हार गई यह सब देखकर लोमड़ी मंद मंद मुस्कुराती हुई वहां से चल गई।

तुम्हें कहानी में कौन सा पात्र अच्छा लगा और क्यों मक्खी मकड़ी के जाल में फंस गई थी फिर क्या हुआ होगा कहानी को आगे बढ़ा कर बताओ नीचे कमेंट करो कहानी कैसी लगी और इस कहानी में आगे क्या-क्या हो सकता था।

very short story moral – गरीब से अमीर बनने की एक लड़के की कहानी

very short story moral in hindi – अपनी पहचान खुद बनाओ