कौआ और सांप Crow and Snake Story in Hindi : बहुत साल पहले की यह बात है। एक बहुत ही बड़ा पेड़ था। यह पेड़ बहुत पुराना बरगद का पेड़ था। यह पेड़ पर एक कौवा अपने परिवार के साथ रहता था। जिसमें उसकी पत्नी और बच्चे भी थे।
कौए का दुश्मन:
इस पेड़ के अंदर एक काला सांप रहता था। यह साप इतना दुष्ट था कि कौवे के घोंसले में जाकर सभी बच्चों खा जाता था। कौवे को पता था कि सांप बार-बार उसके बच्चे को खा जाता है मगर बरगद का पेड़ इतना अच्छा लगता था और आराम लगता था की कौवा यह बरगद का पेड़ छोड़ना नहीं चाहता था।

एक दिन कौए को उसकी पत्नीने कहा कि,” यह दुष्ट सांप हमारे सभी बच्चों को खो जाता है चलो हम दूसरा पेड़ खोज ले।”
तब कौवा बोलता है ,”हम लोग यहां बहुत ही लंबे समय से रहते हैं अभी इस बरगद के पेड़ को नहीं छोड़ सकते मैं जानता हूं कि यह दुष्ट सांप से किस तरह छुटकारा पाया जाए मेरे अच्छे जो मित्र है जंगल में सभी मेरी मदद करेंगे तुम चिंता मत करो।”
कौवे के काफी सारे मित्र इस जंगल में रहते थे क्योंकि कौवा का स्वभाव ही अच्छा था तो उसके मित्र भी कई सारे बन गए थे। कौवा जंगल में जाता हैं और उसके दोस्त लोमड़ी से मिलता है जो एक वृक्ष के पास रहता था।
कौए की समज:
कौवे ने सांप के खराब बर्तन से छूटने के लिए उपाय पूछा तो चालाक लोमड़ी ने कौवे को कहा तुम दोनों रानी के महल में जाकर रानी का हार जो स्वर्ण वाला है जो रत्न झडे है उसे चुरा लो।बाद मे हार चुराकर सांप के बिल में रख दो।
कौवा और उसकी पत्नी दोनों यह कार्य करने के लिए तैयार हो गए और जब रानी तालाब में नहाने के लिए गई तब वहां दोनों पहुंच गए। वहां पहुंचकर तुरंत ही कौवे ने हार को मुंह में उठा लिया और वहां से उड़ गया।
और कौवे ने यह हार सांप के बिल में डाल दिया।
कौए का बदला:
राजा के सैनिको ने यह सारी घटना देखी कि कौवा रानी के हार को लेकर चला गया है। उसके पीछे-पीछे जाकर सैनिकों ने देखा कि हार तो कौवे ने सांप की बिल में रख दिया है। तो सैनिकों ने अपनी लकड़ी और तलवार का इस्तेमाल करके काले साप को मार ही दिया और हार लेकर वहां से आ गए। उसके बाद कौवा और उसकी पत्नी अपने बच्चों के साथ शांति से रहने लगे।
सीख: हमें एक बात यह हमेशा याद रखनी चाहिए कि कोई भी मुश्किल, कोई भी समस्या का हल आराम से और दिमाग का इस्तेमाल करके भी किया जा सकता है।
लड़ाई ही आखिरी काम नहीं है। जैसे कौवे ने अपनी समझदारी से सांप को मरवा दिया वैसे ही हमारे हाथ भी गंदे ना हो और हमारा काम भी हो जाए ऐसा हमें कुछ करना चाहिए।
हमारे सामने कोई भी समस्या आए तो उसका मुकाबला हमें अच्छे से करना चाहिए क्योंकि हमारे जीवन में छोटी या बड़ी समस्या तो आती ही रहती है। अगर हम इस समस्या से लडेंगे तो वह अपने आप ही छोटी हो जाएगी।
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