नागराज और चींटियों की कहानी | Nagraj And Ants moral stories in hindi for class 4

नागराज और चिटिया moral stories in hindi for class 4 : एक बड़ा सा जंगल था। उस जंगल में कई सारे प्राणी रहते थे। साथ में एक नाग भी रहता था। यह नाग बहुत ही दुष्ट था। सभी प्राणियों को बहुत ही परेशान करता था ।नाग इतना शक्तिशाली था कि वह सभी नागों का राजा था।

 यह नाग के पास बहुत सारा खाने का सामान था। इस नाग से आसपास के सभी प्राणी डरते थे। इसीलिए नागराज खुशी से जी रहा था। नाग को कोई भी चीज की कुछ कमी नहीं थी एक ही बात की कमी थी वह यह थी के नागराज के पद के हिसाब से उसके पास घर नहीं था।

नागराज और चींटियों की कहानी  Nagraj And Ants story in hindi (2024)

नाग राज घर की खोज:

दूर-दूर तक अपने लिए घर खोजने के लिए जाने लगा। आखिरकार नागराज को थोड़े ही दूर में एक विशाल वृक्ष रहने के लिए मिल गया। मगर वहां एक ही परेशानी थी जो बड़ा सा पेड़ था।

चीटियो का घर:

,उस पेड़ के पास बहुत सारी चीटियां रहती थी। इतनी सारी चीटियों ने अपना मिट्टी से घर बना रखा था। नागराज को लगा कि यह बहुत गंदा लग रहा है। इस कारण नागराज वहां से चीटियों को हटाने के लिए सोचने लगा।

नागराज का चीटियो पर हमला:

 एक दिन नागराज नीचे आकर चीटियों के सामने खड़ा हो गया और इतना फूंक मारी जितनी उसके पास ताकत थी। नागराज अकेले-अकेले बोल रहा था और चींटियों के सामने देख रहा था। 

नागराज बोल रहा था कि ,”मुझे चीटियों का यह घर नहीं चाहिए उसको में जल्दी ही दूर करूंगा”। मगर नागराज की बातों से चीटियां जरा भी नहीं डरी। चीटियों ने नागराज की बातों पर ध्यान दिए बिना ही अपना काम चालू ही रखा। 

नागराज को तो यह अपमान लगा क्योंकि चीटियों ने उसकी बात ही नहीं सुनी।

 नागराज ने अपने मजबूत शरीर से चीटियों का पूरा घर तोड़ दिया। घर टूटने के साथ ही हजारों की संख्या में चीटियां बाहर आने लगी।

 नागराज तो यह देखकर चौंक ही गया कि “अरे! इतनी सरि चीटियां एक घर के अंदर कैसे रहती होगी”। 

चीटियो का हमला:

हजारों की संख्या में चीटियां नागराज के शरीर पर चिपक गई और काटने लगी। नागराज ने खुद को बचाने के लिए बहुत ही प्रयत्न किया यहां तक कि उसने अपने शरीर को धूल में भी घसीटा मगर सब व्यर्थ था। चीटियों का इतना बड़ा समूह वह दूर नहीं कर पाया। आखिरकार चीटियों की काटने की वजह से नागराज इतना दुखी हो गया कि वहां से चला गया।

 दूर जाने की वजह से जंगल के सभी प्राणी भी खुश हो गए और खुशी से नाचने लगे।

नागराज की मृत्यु:

 नागराज के पास चीटियों के एकता का कोई उपाय नहीं था ।आखिर करे भी तो क्या ?क्योंकि खुद के शरीर पर हजारों की संख्या में चीटियों ने हमला कर दिया था।इसी कारण धीरे-धीरे नाग की मृत्यु हो जाती है।

कहानी से सिख:

 हमें चाहे छोटा हो या बड़ा किसी भी प्राणी को छोटा नहीं समझना चाहिए। क्योंकि यहां पर हम देखे तो जो काम चीटियों ने किया है वह कम एक नाग भी नहीं कर पाया। हालांकि यह नाग तो नागों का राजा था।

 इतनी शक्तिशाली शरीर के बावजूद नाग चीटियों का मुकाबला नहीं कर सका और जंगल से दूर भागना पड़ा। हमें कोई भी प्राणी को छोटा नहीं समझना चाहिए।

 हर एक प्राणी में कुछ ना कुछ ऐसे कार्य करने की शक्ति है जो बड़े प्राणियों में नहीं है।

 वैसे भी कहा जाता है कि अगर चींटी हाथी की नाक में ,कान में चली जाए तो हाथी की मृत्यु हो सकती है। एक चींटी अगर हाथी को मार सकती है तो हमें चींटी को भी कम नहीं समझना चाहिए।

 इस तरह से छोटी सी सुई कपड़े को सील सकती है, वही काम एक तलवार नहीं कर सकती। तो हमें छोटी सी सुई को कम नहीं समझना चाहिए।

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